:پیامبر اکرم (ص)
إنّ مِمّا يَلحَقُ المؤمنَ مِن عَمَلِهِ و حَسناتِهِ بعدَ مَوتهِ عِلما علّمَهُ و نَشَرَهُ ، و وَلَدا صالِحا تَرَكَهُ ، أو مصحَفا وَرَّثَهُ ، أو مَسجِدا بَناهُ ، أو بَيتا
.لاِبنِ السَّبيلِ بَناهُ ، أو نَهرا أجراهُ ، أو صَدَقَةً أخرَجَها مِن مالِهِ في صِحَّتِهِ و حياتِهِ تَلحَقُهُ مِن بعدِ مَوتِهِ
الترغيب و الترهيب : ج۱ ص۱۹۹ ح۲۴
रसूले इस्लाम स.अ.
मुमिन इंसान के अच्छे कामों में से कुछ ऐसे होते हैं जिनका सवाब उसके मरने के बाद भी उसे मिलता रहता है।
जैसे —
वह इल्म जो उसने सिखाया और फैलाया हो,
या नेक और सालेह बेटा जो उसने पीछे छोड़ा हो,
या क़ुरआन जो उसने विरासत में छोड़ी हो,
या मस्जिद जो उसने बनवाई हो,
या मुसाफ़िर खाना या सराय जो उसने तैयार की हो,
या नहर या कुआँ जो उसने खोदा हो,
या सदक़ा जो उसने ज़िंदगी और तंदुरुस्ती में दिया हो।
इन सबका सवाब इंसान को मरने के बाद भी मिलता रहता है।
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